तेरी आरजू ऐसी थी की तुझसे मिलने को ,
दिल चाहता है ,
जिन्दगी को फिर एक नए मुकाम से जीने को ,
दिल चाहता है ,
एक बार फिर वही तड़फ पाने को,
दिल चाहता है ,
गुमान था तेरे बिन जीने का ,लेकिन आज फिर तेरे संग जीने को,
दिल चाहता है ,
बहुत हँस लिया ,आज एक बार फिर तेरी जुदाई में रोने को,
दिल चाहता है ,
बहुत रुसवाई देख ली, आज फिर तेरी वफ़ा को ,
दिल चाहता है ,
क्या कशिश है तुझमे , आज फिर ये मालूम करने को,
दिल चाहता है ,
वो पुराने लम्हों को एक बार फिर जीने को ,
दिल चाहता है ,
मौत के पास आकर , आज फिर तेरे संग जीने को,
दिल चाहता है ,
तेरी आरजू ऐसी थी की तुझसे मिलने को ,
दिल चाहता है ,
दुआ करती हूँ कि ...लिखने के लिए आपका दिल हमेशा ही चाहता रहें
ReplyDeleteshorya ji bahut sundar bhavon ko abhivyakt kiya hai aapne bas ek sudhar chahti hun ki aap karen -
ReplyDeleteकिया कसिस है तुझमे , आज फिर ये मालूम करने को,
दिल चाहता है ,
yahan किया =kya ,कसिस=kashish
agar karlen to aapki bhavnayen aur sundarta se mukhrit hongi .
pls understand this advice a friend advice .
बहुत बहुत आभार शालिनी जी, शुद्धिकरण कर दिया गया है ,
Deleteतेरी आरजू ऐसी थी की तुझसे मिलने को दिल चाहता है..... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .......!
ReplyDeleteबढ़िया भाव ..
ReplyDeleteशुभकामनायें !!
कभी कभी ऐसा होना भी स्वाभाविक है, सुंदर रचना.
ReplyDeleteरामराम.
गुमान था तेरे बिन जीने का,लेकिन आज फिर तेरे संग जीने को,
ReplyDeleteदिल चाहता है ,
बहुत हँस लिया ,आज एक बार फिर तेरी जुदाई में रोने को,
दिल चाहता है ,... क्या बात है !!
बहुत ही प्यारी रचना है शौर्य जी ..
achhi abhivyakti .. mujhe lagta hai har pankti ke baad dil chahata hai repeat hone se thoda rachna ka prabhaav kam pad raha hai .. ye mera apna najariya hai ho sakta hai aap isse sehmat na ho ... likhte rahiye aap isse behtar likh sakte hain :-)
ReplyDeleteआपने बिलकुल सही कहा, लेकिन दिल चाहता है को अगर हटाता हूँ तो ये कविता फिर से लिखनी पड़ेगी, बहुत सुक्रिया आपका, कोशिश करूँगा दोबारा लिखने की,
Deleteबहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लगी पोस्ट।
ReplyDeleteसुन्दर और विचाराधीन भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteसुन्दर रचना, बधाई.
ReplyDeleteमौत के पास आकर , आज फिर तेरे संग जीने को,
ReplyDeleteदिल चाहता है ------------,
प्रेम में डूबकर जीने की अनुभूति
बेहतरीन रचना
बधाई
आग्रह है--
केक्ट्स में तभी तो खिलेंगे--------
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .....!!
ReplyDeleteप्यारी रचना है शौर्य जी
ReplyDeleteराज चौहान
http://rajkumarchuhan.blogspot.in
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना ...
ReplyDeleteमौत के पास आकर , आज फिर तेरे संग जीने को,
ReplyDeleteदिल चाहता है ,
तेरी आरजू ऐसी थी की तुझसे मिलने को ,
दिल चाहता है ,bahut sundar rachna
बहुत ही बेहतरीन रचना..
ReplyDeleteसुन्दर...
:-)