आज गुरु पूर्णिमा को गुरु की महिमा को बखान करने के लिए कुछ पंक्तिया लिखी है ,वैसे तो जो भी लिखा है, यह कुछ भी नही है,उस गुरु की महिमा को बयां करने के लिए , लेकिन कोशिश की है, अपने गुरु श्री नीरज गोस्वामी जी से मैंने गजल कहना सीखा है, लेकिन गजल को भाव नही दे पाता हूँ, आज ये गजल और ये चंद पंक्तिया अपने गुरु श्री नीरज गोस्वामी जी को समर्पित करता हूँ, वैसे तो इस गजल में बहर के अलावा कुछ नही है, भाव कहने मुझे नही आते, ये पहली गजल है जो मैं कही लिख रहा हूँ,जो गलतियाँ हो आप सब लोग उन्हें माफ़ करके मेरा मार्गदर्शन करे ,
bhut khub.........gazal bahot achchi bni hai..bahot bhot bdhai
ReplyDeleteबहुत अच्छा गुरु अभिनन्दन!! और ग़ज़ल भी !!
ReplyDeleteGuru Abhinandan vandniy hai lekin Ghazal par abhi bahut kaam karna padega.Jald baazi n karen. Sahaz pake so miitha hoy...
ReplyDeleteDekhiye Matle men aapne Aaya aur Jaya kaafye liye hain, is hisaab se baaki ke shron men aapko aese kaafiye lene chahiyen jinke end men ya aaye jaise paya, khaya, gaya, chhaya, bhaya...aadi. Aapne ek sher men khola kaafiyaliya hai jo galat hai. Samjhe Janab. :-)
Neeraj
fully agreed
Deleteआदरणीय नीरज गोस्वामी जी,आपने बिलकुल सही कहा,मैं गलती सुधार रहा हूँ,
Deleteसोख अदाओ के बलबूते ,
मेरे दिल पर छा जाया कर,
वाह जी बहुत ही अच्छी ग़ज़ल आपकी ग़ज़ल ने मन छु लिया …वाह
ReplyDeleteवाह जी बहुत ही अच्छी ग़ज़ल आपकी ग़ज़ल ने मन छु लिया …वाह
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ReplyDeleteवाह ....बहुत सुंदर प्रस्तुती शोर्य जी
ReplyDeleteपहली गजल लिखने की बधाई, गजल के आपके गुरू श्री नीरज गोस्वामी जी सिद्ध साधक हैं आशा है उनके शिष्यत्व में आप अपने आपको इस विधा में और निखार पायेंगे. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम
बहुत बहुत आभार ताऊ
Deleteबहुत सुन्दर ह्रदय से निकले भाव।
ReplyDeleteगुरु के प्रति बहुत ही सुन्दर भाव.... बाकि गजल के बारे मैं मुझे कुछ मालुम नहीं है .... परन्तु गजलें पढ़ने में अच्छी लगी ... बधाई हो.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल...
ReplyDeletenice one....keep it up
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव ......
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति शौर्य जी..गुरु की महिमा शब्दों में समेटना बहुत मुश्किल है।।।
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