Monday, June 10, 2013

देश लुटता रहा

बहुत लूटा  - बहुत लूटा

इस देश को बहुत लूटा ,

कभी पारसियों ने तो

कभी गौरी ने लूटा ,

कभी मुगलों ने तो

कभी फिरंगियों ने लूटा ,

मगर इन नेताओ से तो 

फिर भी कम लूटा ,

मेहनत की कमाई को ,

कभी कोयला, कभी 2G

तो कभी राष्ट्रमंडल के नाम पर लूटा ,

चम्बल के लुटेरे तो

यूँ ही बदनाम है यारो, 

संसद के लूटेरों से ज्यादा तो

किसी ने भी नही लूटा ,

कभी महंगाई के नाम पर,

कभी पेट्रोल के दाम पर,

जिसका जब भी जहां भी मोका लगा ,

उसने हमें पूरे दिल से लूटा ,

जब कही भी

कुछ भी बाकी न रहा,

तो भारत निर्माण के नाम पर लूटा  ,,,,,,,,,


4 comments:

  1. जिसका जब भी जहां भी मोका लगा ,
    उसने हमें पूरे दिल से लूटा ,satik abhiwayakti ....dil ko thes pahunchti hai ...par lootnewaale ko kahan pta hai ...

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  2. आभार डॉ निशा जी

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  3. बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...

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