Thursday, January 10, 2013

'''TALASH

हुई तलाश पूरी मिलने से आपके 
आज जाना जिंदगी अधूरी क्यूँ लगती थी

कुछ गम था दिल को जिसका हमें गुमा ना था     
तन्हाई मैं अक्सर जो ख्यालो मैं आता  था       
सपनो मैं आकर  हमें कौन सताता था  
सूनी  रातो मैं  बेबस कौन रुलाता था 
बेबात भर  दिन दिल उदास रहता था 

हमको मालूम ना था क्या है दिल की चाहत 
किसकी तलाश थी इसको .....


हुई तलाश पूरी मिलने से आपके 
आज जाना जिंदगी अधूरी क्यूँ लगती थी

क्यूँ मैं अपनी ही  खुदी से अलग था 
आँखों को हर वक़्त इंतजार किसका था 
हर आहट  पर दिल दरवाजा  ताकता था 
उदास दिल पहलू  कोई रोने को ढूंढ़ता था
 हैं कँहा वो 'अपना' दिल ये सोचता था 
 दुःख कहे किससे  अपने  दर्द  पूछता  था 


हमको मालूम ना था क्या है दिल की चाहत 
किसकी तलाश थी इसको .....


हुई तलाश पूरी मिलने से आपके 
आज जाना जिंदगी अधूरी क्यूँ लगती थी




4 comments:

  1. हुई तलाश पूरी मिलने से आपके
    आज जाना जिंदगी अधूरी क्यूँ लगती थी

    बहुत सुन्दर प्रयास है भाई लगातार मेहनत करते रहो
    और बहुत अच्छा लिख सकोगे ....बहुत बहुत शुभकामनाये ..!

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  2. आपका आशीर्वाद है दीदी और आप ही मेरे प्रेरनाश्रोथ है

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  3. सुन्दर रचना, शुभकामनाएँ.

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  4. धन्यवाद डॉ शबनम जी

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