बहुत लूटा - बहुत लूटा
इस देश को बहुत लूटा ,
कभी पारसियों ने तो
कभी गौरी ने लूटा ,
कभी मुगलों ने तो
कभी फिरंगियों ने लूटा ,
मगर इन नेताओ से तो
फिर भी कम लूटा ,
मेहनत की कमाई को ,
कभी कोयला, कभी 2G
तो कभी राष्ट्रमंडल के नाम पर लूटा ,
चम्बल के लुटेरे तो
यूँ ही बदनाम है यारो,
संसद के लूटेरों से ज्यादा तो
किसी ने भी नही लूटा ,
कभी महंगाई के नाम पर,
कभी पेट्रोल के दाम पर,
जिसका जब भी जहां भी मोका लगा ,
उसने हमें पूरे दिल से लूटा ,
जब कही भी
कुछ भी बाकी न रहा,
तो भारत निर्माण के नाम पर लूटा ,,,,,,,,,
जिसका जब भी जहां भी मोका लगा ,
ReplyDeleteउसने हमें पूरे दिल से लूटा ,satik abhiwayakti ....dil ko thes pahunchti hai ...par lootnewaale ko kahan pta hai ...
आभार डॉ निशा जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteaabhar kailash ji
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