मेरी हर साँस में तुम हो,
मेरी दुनिया का रंग तुम हो,
दिल नसीन तुम हो,
फिर बेवफाई की बात ही कहा,
सुकून ए दिल तुम से है,
जान से भी प्यारे हो तुम,
इकरार तो हमेशा से था,
इंकार की बात ही कहा थी,
रंग जो जुदाई का था,
अब करीबी में ढल गया है,
लफ्जों से बयां नही होता ,
आँखे बयाँ करती है फ़साना प्यार का,
सहेज कर रखा है दिल में,
बीते लम्हों का फ़साना ,
मेरी हर साँस में तुम हो,
मेरी दुनिया का रंग तुम हो,
बहुत अच्छी भावाभियक्ति है लिखते रहें .....
ReplyDeleteआभार पारुल जी
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