गफलत थी कुछ ऐसी की, अपना नाम ए निशान मिटा बैठे , न जाने कब रेत पर उनकी , धुन्द्ली सी तस्वीर बना बैठे ,,,,,,,,,,,,,,,
कृप्या इसे पुनः लिखे,निश्चय ही आप और अच्छा लिख सकते है
बिलकुल दोबारा कोशिस करूँगा , आभार
कृप्या इसे पुनः लिखे,निश्चय ही आप और अच्छा लिख सकते है
ReplyDeleteबिलकुल दोबारा कोशिस करूँगा , आभार
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