अब भी आती है जब यादें
मन मैं उठती है फिर लहरें
मिलने की इच्छा फिर होती तुझसे
बिताने है फिर तेरे साथ कुछ पल
अब तो हो गया मुश्किल ,
अब नही कुछ मेरे वस में
पल पल उठते बैठते आते है ,
याद वो बीते हुए लम्हे ,
अब तो व्याकुलता है जोरो पर ,
नही जोर अब कुछ मेरे मन पर
अब तो जगी फिर से ,
फिर से एक तमन्ना है ,
अधूरा रहा था जो सपना ,
अब वो पूरा करना है ,
लगता था डर मुझको ,
लेकिन अब नही डरना है,
मिलेगा साथ भी तेरा,
इस उम्मीद पर जीना है ,
सोचा न था मिलेंगे फिर ,
जिन्दगी के किसी मोड पर
अब तनहा न छोड़कर जाना ,
अब यादो के सहारे न जी पाऊंगा ,
सुन्दर रचना, शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteधन्यवाद डॉ शबनम जी
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति..मन के भावों की।
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