आज कुछ हास्य पर लिखने का दिल हुआ, जो दिल में आया लिख रहा हूँ, कृप्या इसे एक हास्य के तोर पर ही ले आभार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
रल्धु कू आया ख्वाब ,
अक सुसराड में पाड़ रहा वो कबाब,
आँख खुली जब तडके ,
भाज लिया वो अडके ,
एक किलो ली मिठाई ,
आधा किलो जलेबी भी तुलवाई ,
जाकै गाड्डी राम राम,
बोला हम पहुचे धुर धाम ,
सासू थी उसकी कुछ छोली ,
तपाक से नु बोली ,
करण के आया तू हड ,
तेरी बहू तो तेरे घर गड ,
सासू मेरी ,गोर त सुन ल बात ,
छोरी तेरी, मारे मेरे घुस्से लात ,
सासू कु नु सुन के आया गुस्सा ,
मारा घुमा के एक जोरदार घुस्सा ,
रलधु कु कुछ समझ न आया,
बेदम होके उसने गस खाया ,
खुली जो आँख ,
रलधु को होश आया,
तभी घर में सुसरा भी आया,
उसने भी एक सुतरा खूंटा चिपकाया,
भाजन की जो जुगत लगाई ,
साम्ही तै साली की संडल आई ,
अब ना रलधु कु कुछ दिया सुझाई,
भिड़ा तिगडम अपनी जान बचाई ,
देख भाल कै जाइयो सुसराड मै ,
रलधु न या बात सबकू समझाई ...........................
मॊलिक एवं अप्रकाशित
रल्धु कू आया ख्वाब ,
अक सुसराड में पाड़ रहा वो कबाब,
आँख खुली जब तडके ,
भाज लिया वो अडके ,
एक किलो ली मिठाई ,
आधा किलो जलेबी भी तुलवाई ,
जाकै गाड्डी राम राम,
बोला हम पहुचे धुर धाम ,
सासू थी उसकी कुछ छोली ,
तपाक से नु बोली ,
करण के आया तू हड ,
तेरी बहू तो तेरे घर गड ,
सासू मेरी ,गोर त सुन ल बात ,
छोरी तेरी, मारे मेरे घुस्से लात ,
सासू कु नु सुन के आया गुस्सा ,
मारा घुमा के एक जोरदार घुस्सा ,
रलधु कु कुछ समझ न आया,
बेदम होके उसने गस खाया ,
खुली जो आँख ,
रलधु को होश आया,
तभी घर में सुसरा भी आया,
उसने भी एक सुतरा खूंटा चिपकाया,
भाजन की जो जुगत लगाई ,
साम्ही तै साली की संडल आई ,
अब ना रलधु कु कुछ दिया सुझाई,
भिड़ा तिगडम अपनी जान बचाई ,
देख भाल कै जाइयो सुसराड मै ,
रलधु न या बात सबकू समझाई ...........................
मॊलिक एवं अप्रकाशित
bade bure hal hain .nice presentation .
ReplyDeleteसुंदर प्रयास...
ReplyDeleteबेचारा रल्धु का हाल बुरा..... अच्छी हास्य रचना ...
ReplyDeleteरल्दू को ससुराड कबाव पाडण का च्याव चढ्या था त ससुराड के तो योही लाड हौंवैं सै.:)
ReplyDeleteरामराम.
मनोरंजक हास्य....बढ़िया रचना .....शुभकामनाएं....
ReplyDeleteअच्छी हास्य रचना...
ReplyDelete:-)
बहुत मज़ेदार प्रस्तुति...
ReplyDeleteअच्छी रचना
ReplyDeleteमनोरंजक हास्य रचना.....बहुत बढ़िया
ReplyDeleteहास्य की बढ़िया कविता
ReplyDeleteबेहतरीन प्रयास
बहुत खूब
बधाई
:-))
ReplyDeletenice one
ReplyDeleteबहुत बहुत सुंदर
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